Jo Aana Chaho Hajaro raste ,
Na Aana Chaho To hajaro Bhane,
Mijaj e Beraham Mushkil Rasta,
Barsti barish Aur Khrab Mausam।
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कुछ तो तेरे मौसम ही मुझे रास कम आए,
और कुछ मेरी मिट्टी में बग़ावत भी बहुत थी।
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जब से तेरे ख़याल का, मौसम हुआ है दोस्त।।
दुनिया की धूप-छांव से, आगे निकल गये ..!!
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कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते…
अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है…
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Ek Purana Mausam Lauta Yaad Bhari Purvai Bhi,
Aisa To Kam Hi Hota Hai Wo Bhi Ho Tanhayi Bhi.
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एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरबाई भी,
ऐसा तो कम ही होता है वो भी हो तन्हाई भी।
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