हम तो फूलों की तरह अपनी आदत से बेबस हैं,
तोड़ने वाले को भी खुशबू की सजा देते है!
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Ham To Phoolon Ki Tarah Apani Aadat Se Bebas Hai,
Todane Wale Ko Bhi Khushabu Ki Saza Dete Hai.
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तन्हाईयां जाने लगी जिंदगी मुस्कुराने लगी,
ना दिन का पता है ना रात का पता.
आप की दोस्ती की खुशबू हमे महकाने लगी,
एक पल तो करीब आ जाओ धड़कन भी आवाज़ लगाने लगी..
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तेरे हुनर में खिलावत -ऐ -खुशबू सही मगर,
काँटों को उम्र भर की चुभन कौन दे गया,
“मोहसिन” वो कायनात -ऐ -ग़ज़ल है उससे भी देख,
मुझ से न पूछ मुझ को यह फन कौन दे गया!
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सफर वहीं तक है जहाँ तक तुम हो,
नजर वहीं तक है जहाँ तक तुम हो,
हजारों फूल देखे हैं इस गुलशन में मगर,
खुशबू वहीं तक है जहाँ तक तुम हो..!!
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वो तो ख़ुश-बू है हवाओं में बिखर जाएगा,
मसअला फूल का है फूल किधर जाएगा!
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खुशबू की तरह मेरी हर साँस में,
प्यार अपना बसाने का वादा करो…
रंग जितने तुम्हारी मोहब्बत के हैं,
मेरे दिल में सजाने का वादा करो.!!!
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