Taqdeer Shayari

तकदीर बनाने वाले, तूने भी हद कर दी,
तकदीर में किसी और का नाम लिखा था,
और दिल में चाहत किसी और की भर दी!

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देख कर मेरा नशीब मेरी तकदीर रोने लगी,
लहू के अल्फाज़ देखकर तहरीर रोने लगी,
हिज्र में दीवाने की हालत कुछ ऐसी हुई,
सूरत को देखकर खुद तस्वीर रोने लगी!

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Pyar Usko Milta Hai Jiski Taqdeer Hoti Hai,
Bahut Kam Hatho Me Ye Laqeer Hoti Hai,
Kabhi Judaa Naa Ho Pyaar Kisi Ka,
Kasam Khuda Ki Bahut Taklif Hoti Hai.

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फर्क होता है खुदा और फ़क़ीर में,
फर्क होता है किस्मत और लकीर में..
अगर कुछ चाहो और न मिले तो समझ लेना..
कि कुछ और अच्छा लिखा है तक़दीर में।।

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मेरी मोहब्बत की तक़दीर देखो,
जो रूठे थे उनके पैगाम आ रहे हैं,
जब मार डाला मेरी प्यास ने मुझको,
वो आँखों में लेकर जाम आ रहे हैं.

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तक़दीर को कुछ इस तरह से अपनाया है हमने …
जो नहीँ था तक़दीर में उसको बेपनाह चाहा है हमने !!

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Deedar Shayari

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