खुदा की रहमत में अर्जियाँ नहीं चलतीं
दिलों के खेल में खुदगर्जियाँ नहीं चलतीं
चल ही पड़े हैं तो ये जान लीजिए हुजुर,
इश्क़ की राह में मनमर्जियाँ नहीं चलतीं !
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दिल का हाल बताना नहीं आता…
किसी को ऐसे तड़पाना नहीं आता ….
सुनना चाहते हैं आपकी आवाज़ ….
मगर बात करने का बहाना नहीं आता….
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दर्द का एहसास जानना है तो प्यार करके देखो,
अपनी आँखों में किसी को उतार कर देखो,
चोट उनको लगेगी आँसू तुम्हें आ जायेंगे,
ये एहसास जानना हो तो दिल हार कर देखो।
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मिल जाती अगर सभी को अपनी मोहब्बत में मंजिल..
तो यकीनन रातों के अँधेरों में कोई दर्द की गज़ल नहीं लिखता.
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तेरे खामोश होंठों पर मोहब्बत गुनगुनाती है
तू मेरी है मैं तेरा हूँ बस यही आवाज आती है।
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जब खामोश आँखों से बात होती है,
तो ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है,
तेरे ही ख्यालों में खोये रहते हैं,
न जाने कब दिन और कब रात होती है।
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तुम पूछ लेना सुबह से, न यकीन हो तो शाम से
ये दिल धड़कता है तेरे ही नाम से।
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अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जाएगा
मगर तुम्हारी तरह कौन मुझ को चाहेगा
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नज़र ने नज़र से मुलाक़ात कर ली,
रहे दोनों खामोश पर बात करली,
मोहब्बत की फिजा को जब खुश पाया,
इन आंखों ने रो रो के बरसात कर ली !!
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एक चेहरा है जो आँखों में बसा रहता है
इक तसव्वुर है जो तन्हा नहीं होने देता
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