Majboori Shayari

Aap Dil Se Yoon Pukara Na Karo,
Hamko Yoon Pyaar Se Ishara Na Karo,
Ham Door Hain Aapse Ye Majaboori Hai Hamari,
Aap Tanhaiyon Me Yoon Rulaya Na Karo.

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आप दिल से यूँ पुकारा ना करो,
हमको यूँ प्यार से इशारा ना करो,
हम दूर हैं आपसे ये मजबूरी है हमारी,
आप तन्हाइयों मे यूँ रुलाया ना करो।

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Majboori Me Jab Koi Juda Hota Hai,
Zaruri Nahi Ke Wo Bewafa Hota Hai,
De Kar Wo Aapki Aankho Me Aansu,
Akele Me Aapse Bhi Zyada Rota Hai.

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मजबूरी में जब जुदा होता है,
ज़रूरी नहीं के वो बेवफा होता है,
दे कर वो आपकी आँखों में आँसू,
अकेले में आपसे भी ज्यादा रोता है।

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Kyun Karte Ho Wafa Ka Sauda,
Apni Majbooriyon Ke Naam Par?
Main Ab Bhi Woh Hi Hoon,
Jo Tere Liye Jamaane Se Lada Tha.

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क्यूँ करते हो वफ़ा का सौदा,
अपनी मजबूरिओं के नाम पर?
मैं तो अब भी वो ही हूँ,
जो तेरे लिए जमाने से लड़ा था।

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ख़ुशियों की ख़ातिर हमने कितने क़र्ज़ उतार रक्खे हैं
ज़िंदगी फिर भी तूने हमपे कितने दर्द उतार रक्खे हैं
मासूम अगर होता तो सब मिलके लूट लेते
जाने किस अपने ने मेरे दुश्मन उतार रक्खे हैं

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Taqdeer Shayari

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