Love Shayari

Nazre Karam Mujh Par Itna Na Kar,
Ki Teri Mohabbat Ke Liye Baagi Ho Jaaun,
Mujhe Itna Na Pila Ishq-E-Jaam Ki,
Main Ishq Ke Jahar Ka Aadi Ho Jaaun.

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नज़रे करम मुझ पर इतना न कर,
की तेरी मोहब्बत के लिए बागी हो जाऊं,
मुझे इतना न पिला इश्क़-ए-जाम की,
मैं इश्क़ के जहर का आदि हो जाऊं।

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Kuch log khone ko pyaar khte hain
To kuch paane ko pyaar khte hain
Par haqiqat to ye hai
Hum to bss nibhane ko pyaar khte hain.

 

कुछ लोग खोने को प्यार कहते हैं,
तो कुछ पाने को प्यार कहते हैं,
पर हकीक़त तो ये है,
हम तो बस निभाने को प्यार कहते हैँ!

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तू चाँद मैं सितारा होता,
आसमान में एक आशिया हमारा होता।
लोग तुझे दूर से देखा करते और
सिर्फ पास रहने का हक हमारा होता।

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na koi kisi se door hota hai
na koi kisi ke krib hota hai
wo khud he chal ke aata hai
jo jiska nasib hota hai

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Humse zyada koi bechein kya hoga
humse zyada koi betab kya hoga,
yaadon ko bahon me lekar soye rahe,
isse jyada unke pyar ka jawab kya hoga

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चाहने से प्यार नहीं मिलता,

हवा से फूल नहीं खिलता ||

प्यार नाम होता है विश्वास का,

बिना विश्वास सच्चा प्यार नहीं मिलता ||

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मेरी हर खुशी हर बात तेरी है,

साँसों मैं छुपी हयात तेरी है ||

दो पल भी नहीं रह सकते तेरे बिन,

धड़कनो की धड़कती हर आवाज तेरी है ||

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बदलना आता नहीं हमे मौसम की तरह,

हर इक रुत में तेरा इंतज़ार करते हैं,

ना तुम समझ सकोगे जिसे क़यामत तक,

कसम तुम्हारी तुम्हे हम इतना प्यार करते हैं|

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नज़रे करम मुझ पर इतना न कर,

की तेरी मोहब्बत के लिए बागी हो जाऊं,

मुझे इतना न पिला इश्क़-ए-जाम की,

मैं इश्क़ के जहर का आदि हो जाऊं।

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अपनी कलम से दिल से दिल तक की बात करते हो

सीधे सीधे कह क्यों नहीं देते हम से  प्यार करते हो।

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खड़े-खड़े साहिल पर हमने शाम कर दी,

अपना दिल और दुनिया आप के नाम कर दी,

ये भी न सोचा कैसे गुज़रेगी ज़िंदगी,

बिना सोचे-समझे हर ख़ुशी आपके नाम कर दी।

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मेरे होंठो पर लफ्ज़ भी अब तेरी तलब लेकर आते हैं,

तेरे जिक्र से महकते हैं तेरे सजदे में बिखर जाते हैं।

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ऐसा क्या बोलूं कि तेरे दिल को छू जाए,

ऐसी किससे दुआ मांगू कि तू मेरी हो जाए,

तुझे पाना नहीं तेरा हो जाना है मन्नत मेरी,

ऐसा क्या कर दूं कि ये मन्नत पूरी हो जाए।

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क्या चाहूँ रब से तुम्हें पाने के बाद,

किसका करूँ इंतज़ार तेरे आने के बाद,

क्यों मोहब्बत में जान लुटा देते हैं लोग,

मैंने भी यह जाना इश्क़ करने के बाद।

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भूल जाता हूँ मैं सबकुछ आपके सिवा, यह क्या मुझे हुआ है,

क्या इसी एहसास को दुनिया ने इश्क़ का नाम दिया है।

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