आशिक़ी में ‘मीर’ जैसे ख़्वाब मत देखा करो,
बावले हो जाओगे महताब मत देखा करो !
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kis kis ko batā.eñge judā.ī kā sabab ham,
tū mujh se ḳhafā hai to zamāne ke liye aa.
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अब और क्या किसी से मरासिम बांधे हम,
ये भी बहुत है तुझ को अगर भूल जाएँ हम..!!
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Uski Baatein Mujhe Khusboo Ki Tarah Lagti Hain,
Phool Jaise Koi Sehara Mein Khila Karta Hai.
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हमे तो प्यार की गहराइयाँ मालूम करनी थी,
यहाँ नहीं डूबता तो कहीं और डूबे होते.!!
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इतनी सी बात पे दिल की धड़कन रुक गई फ़राज़
एक पल जो तसव्वुर किया तेरे बिना जीने का.!
Itani si baat pe dil ki dhadkan ruk gai Faraz,
Ek pal jo tasvvur kiya tere bina jeene ka.
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