Wo Mujhse Roz Kahti Thi Mujhe Tum Chand La Kar Do,
Use Ek Aaina De Kar Akela Chhod Aaya Hoon.
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वो मुझसे रोज़ कहती थी मुझे तुम चाँद ला कर दो,
उसे एक आईना दे कर अकेला छोड़ आया हूँ।
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Ye Aayine Kya De Sakenge Tumhein
Tumhari Shakhsiyat Ki Khabar,
Kabhi Humari Aankhon Se Aakar Puchho
Kitne LaJawab Ho Tum.
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ये आईने क्या दे सकेंगे तुम्हें
तुम्हारी शख्सियत की खबर,
कभी हमारी आँखो से आकर पूछो
कितने लाजवाब हो तुम।
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रोज इक ताज़ा शेर कहाँ तक लिखूं तेरे लिए,
तुझमें तो रोज ही एक नई बात हुआ करती है।
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Roj Ek Taaza Sher Kahan Tak Likhun Tere Liye,
Tujh Mein To Roj Hi Ek Nayi Baat Hua Karti Hai.
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Agar Tum Na Hote To Gajal Kaun Kahta,
Tumhare Chehare Ko Kamal Kaun Kahta,
Yeh Karishma Hai Mahobat Ka..
Warna Pathar Ko Taj Mahal Kaun Kehta! ?
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अगर तुम न होते तो ग़ज़ल कौन कहता,
तुम्हारे चहरे को कमल कौन कहता,
यह तो करिश्मा है मोहब्बत का..
वरना पत्थर को ताज महल कौन कहता। ?
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Nazar se zamane ki khud ko bachana,
Kisi or se dekho dil na lagana,
Ke meri amaanat ho tum,
Bahut khoobsurat ho tum ..!
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नजर से जमाने की खुद को बचानाट
किसी और से देखो दिल ना लगाना,
के मेरी अमानत हो तुम,
बहुत खूबसूरत हो तुम..।।
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कितनी खूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी,
बना दीजिये इनको किस्मत हमारी,
इस ज़िंदगी में हमें और क्या चाहिए,
अगर मिल जाए मोहब्बत तुम्हारी।
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तेरी तारीफ में कुछ लब्ज कम पड़ गए शायद?
वरना हम भी किसी ग़ालिब से कम ना थे।।
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Teri Tareef Me Kuchh Lafz Kam Pad Gaye Shayad?
Warna Hum Bhi Kisi Ghalib Se Kam Nahi.
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mujhe kisi se kya lena mujhe
bas tu tera waqt aur tera pyaar chahiye.
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